ram kehne ka maja जिसकी जुबान पर आ गया lyrics

 

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राम कहने का मजा, जिसकी जुबान पर आ गया,

मुक्त जीवन हो गया, चारो पदार्थ पा गया ॥

लुटा मज़ा प्रह्लाद ने, इस राम के प्रताप से,

नरसिंह हो दर्शन दिए, त्रिलोक में यश छा गया।।

राम कहने का मजा, जिसकी जुबान पर आ गया,

मुक्त जीवन हो गया, चारो पदार्थ पा गया ॥

जाती की थी भीलनी, उस प्रेम से सुमिरन किया,

घर आकर परमात्मा, उस हाथ के फ़ल खा गया।।

राम कहने का मजा, जिसकी जुबान पर आ गया,

मुक्त जीवन हो गया, चारो पदार्थ पा गया ॥

कलिकाल के जो भक्त है, उनका भी रुतबा है बड़ा,

नरसिंह की हुंडी द्वारिका में, सांवरा सिक्रा गया।।

राम कहने का मजा, जिसकी जुबान पर आ गया,

मुक्त जीवन हो गया, चारो पदार्थ पा गया ॥

क्या भक्ति निर्मल छा रही, देखकर संसार में,

अब्र के मानिंद तुलसी, दास यशवर छा गया।।

राम कहने का मजा, जिसकी जुबान पर आ गया,

मुक्त जीवन हो गया, चारो पदार्थ पा गया ॥

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