Vijaya Durga Aarti Lyrics जय देवी श्री देवी अंबे श्री विजया दुर्गे

 

Vijaya Durga Aarti Lyrics In Hindi जय देवी श्री देवी अंबे श्री विजया दुर्गे लिरिक्स

Vijaya Durga Aarti Lyrics In Hindi | Jai devi shree devi ambe Lyrics

जय देवी श्री देवी अंबे श्री विजया दुर्गे 

ओवाळीतो आरती तुजला भवभय हरी दुर्गे ॥

जय देवी श्री देवी अंबे श्री विजया दुर्गे 

ओवाळीतो आरती तुजला भवभय हरी दुर्गे ॥ 

अंबे भवभय हरी दुर्गे ॥ 

कृपानिधी तू तव रूपासी नाही आदी-अंत 

सर्व चराचर व्यापुनी राहसी न कळे ही मात

अंबे न कळे ही मात ॥

चंद्रसूर्य अन् वरुण इंद्र ही तुझ्याच आज्ञेत 

वर्तती सारे नित नियमाने त्यांसी नसे खंत

अंबे त्यांसी नसे खंत ॥ 

जय देवी श्री देवी अंबे श्री विजया दुर्गे 

ओवाळीतो आरती तुजला भवभय हरी दुर्गे ॥ 

अंबे भवभय हरी दुर्गे ॥ 

तू गौरी तू महालक्ष्मी तू आर्यादुर्गा 

महाकाली तू महासरस्वती तू शांतादुर्गा 

अंबे तू शांतादुर्गा ॥ 

रिद्धी सिद्धी त्या अष्टहि सिद्धी तूची सर्वांगा 

ऐसी सर्व स्वरूपी नटसि तू विजयादुर्गा

अंबे तू विजयादुर्गा ॥ 

जय देवी श्री देवी अंबे श्री विजया दुर्गे 

ओवाळीतो आरती तुजला भवभय हरी दुर्गे ॥ 

अंबे भवभय हरी दुर्गे ॥ 

नित्य घडावे दर्शन तुझे म्हणून मी भक्त जनी 

केरी ग्रामी स्थापियले तुज मंदिर बांधोनी 

अंबे मंदिर बांधोनी ॥ 

मार्गशीर्ष नवरात्र दशमीसि जत्रोत्सव जननी 

नौकारोहण शिबीकोत्सव हो आनंद बहुत जनी

अंबे आनंद बहुत जनी ॥ 

जय देवी श्री देवी अंबे श्री विजया दुर्गे 

ओवाळीतो आरती तुजला भवभय हरी दुर्गे ॥ 

अंबे भवभय हरी दुर्गे ॥ 

कुलदेवी तू अमुची सदोदित रक्षिसी आम्हां ते 

सर्व कार्य सिद्धीला नेसी हरूनी संकटाते 

अंबे हरूनी संकटाते ॥ 

तव चरणी स्थिर सदा रहावे मन माझे माते 

विनवी तुला तव दास विष्णू हा तारी मला माते

अंबे तारी मला माते ॥ 

जय देवी श्री देवी अंबे श्री विजया दुर्गे 

ओवाळीतो आरती तुजला भवभय हरी दुर्गे ॥ 

अंबे भवभय हरी दुर्गे ॥ 

Vijaya Durga Aarti Lyrics In Hindi जय देवी श्री देवी अंबे श्री विजया दुर्गे लिरिक्स

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