Jinda Ram Kaho Ya Satguru Lyrics ज़िंदा राम कहो या सतगुरु लिरिक्स
Jinda Ram Kaho Ya Satguru Lyrics In Hindi | Jinda Ram Kaho Ya Satguru Lyrics
ज़िंदा राम कहो या सतगुरु
आम से मुक्ति पायेगा
इस नाम से लाखों जीव तारे
न फिर चोरासी आएगा
ये मानूस तन मुश्किल पाया
मोह ममता में भूल गया सब
जब धरमराज ये पूछेगा
तू फिर उसको
तू फिर उसको क्या बतलायेगा
जो बीत गया समाये तेरा
तू बार बार पछतायेगा
ज़िंदा राम कहो या सतगुरु
आम से मुक्ति पायेगा
इस नाम से लाखों जीव तारे
न फिर चोरासी आएगा
झूठ कपट कर सरता हे मस्ता
ये तो हैं बातों का रास्ता
इस रस्ते मैं कांटे भारी
तू मुश्किल
हो मुश्किल पार हो जायेगा
जार सोच समझ कर पग धरना
नहीं काँटों में फँस जायेगा
ज़िंदा राम कहो या सतगुरु
आम से मुक्ति पायेगा
इस नाम से लाखों जीव तारे
न फिर चोरासी आएगा
विसये भाव अहंकार मिटाके
बेठ सरन सतगुरु की जाके
इस गंगा मैं अब नहाले तू
तेरा जन्म सफल हो जायेगा
ये रंग रूप बेकार तेरा सब
मिटटी में मिल जायेगा
ज़िंदा राम कहो या सतगुरु
आम से मुक्ति पायेगा
इस नाम से लाखों जीव तारे
न फिर चोरासी आएगा
छोड़ जगत की प्रीत रीत को
भूल गया गुरु नाम रीत को
जब मौत का दिन तेरा आएगा
तेरे साथ न कोई जायेगा
कहे रामदेव ले समझ अभी
नहीं भाव जल गोता खायेगा
ज़िंदा राम कहो या सतगुरु
आम से मुक्ति पायेगा
इस नाम से लाखों जीव तारे
न फिर चोरासी आएगा