Re Man Murakh Kab Tak Jag Mein Lyrics रे मन मूरख

Re Man Murakh Kab Tak Jag Mein Lyrics | रे मन मूरख कब तक जग में  लिरिक्स

Original Full Re Man Murakh Kab Tak Jag Mein Lyrics in Hindi and English रे मन मूरख कब तक जग में लिरिक्स इन हिंदी Re Man Murakh Kab Tak Jag Mein Full Song – रे मन मूरख कब तक जग में जीवन व्यर्थ बिताये गा राम नाम नहीं गायेगा तो अंत समय पछतायेगा Raja ram ram ram.

Re Man Murakh Kab Tak Jag Mein Lyrics in Hindi | रे मन मूरख कब तक जग में  लिरिक्स

रे मन मूरख कब तक जग में 

जीवन व्यर्थ बिताये गा

रे मन मूरख कब तक जग में 

जीवन व्यर्थ बिताये गा

राम नाम नहीं गायेगा तो 

राम नाम नहीं गायेगा तो 

अंत समय पछतायेगा

रे मन मूरख कब तक जग में 

जीवन व्यर्थ बिताये गा

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 


राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 


जिस जग में तू आया है यहाँ 

एक मुसाफिर खाना है

जिस जग में तू आया है यहाँ 

इक मुसाफिर खाना है

रात में रुक कर सुबह सफर कर 

यही से चले ही जाना है

लेकिन येह भी याद रहे सांसो का पास खजाना है

रे मन मूरख कब तक जग में 

जीवन व्यर्थ बिताये गा

रे मन मूरख कब तक जग में 

जीवन व्यर्थ बिताये गा

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम


राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

मन की वासना शूद्र हृदय की 

बुद्धि नहीं निर्मल की है

मन की वासना शूद्र हृदय की 

बुद्धि नहीं निर्मल की है

झूठी दुनिया दारी से क्या 

आश मोक्ष के फल की है

रे मन मूरख कब तक जग में 

जीवन व्यर्थ बिताये गा

रे मन मूरख कब तक जग में 

जीवन व्यर्थ बिताये गा

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम


राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 


पहुँच गुरु के पास ज्ञान के 

दीपक का उजियाला ले

पहुँच गुरु के पास ज्ञान के 

दीपक का उजियाला ले

कंठी पहन कंठ में जप की 

सुमिरन की तू  माला रे

रे मन मूरख कब तक जग में 

जीवन व्यर्थ बिताये गा

रे मन मूरख कब तक जग में 

जीवन व्यर्थ बिताये गा

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम


राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम 

राजा राम राम राम

Re Man Murakh Kab Tak Jag Mein Lyrics in English | रे मन मूरख कब तक जग में  लिरिक्स

Re man murakh kab tak jag mein 

Jeevan vyarth bitaaye ga

Re man murakh kab tak jag mein 

Jeevan vyarth bitaaye ga

Ram naam nahi gaayega to 

Ram naam nahi gaayega to 

Ant samay pachhtayega

Re man murakh kab tak jag mein 

Jeevan vyarth bitaaye ga

Raja ram ram ram 

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram 

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Jis jag mein tu aaya hai yahaan 

Ek musaphir khana hai

Jis jag mein tu aaya hai yahaan 

Ek musaphir khana hai

Raat mein ruk kar subah safar kar 

Yahi se chale hi jaana hai

Lekin yeh bhi yaad rahe saanso ka paas khajana hai

Re man murakh kab tak jag mein 

Jeevan vyarth bitaaye ga

Re man murakh kab tak jag mein 

Jeevan vyarth bitaaye ga

Raja ram ram ram 

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram 

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Man ki vaasana shudra hridaay ki 

Buddhi nahi nirmal ki hai

Man ki vaasana shudra hridaay ki 

Buddhi nahi nirmal ki hai

Jhuthi duniya daari se kya 

Aash moksh ke phal ki hai

Re man murakh kab tak jag mein 

Jeevan vyarth bitaaye ga

Re man murakh kab tak jag mein 

Jeevan vyarth bitaaye ga

Raja ram ram ram 

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram 

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Paunchh guru ke paas gyaan ke 

Deepak ka ujiyala le

Paunchh guru ke paas gyaan ke 

Deepak ka ujiyala le

Kanthee pahan kanth mein jap ki 

sumiran ki tu maala re

Re man murakh kab tak jag mein 

Jeevan vyarth bitaaye ga

Re man murakh kab tak jag mein 

Jeevan vyarth bitaaye ga

Raja ram ram ram 

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram 

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram 

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Raja ram ram ram

Re Man Murakh Kab Tak Jag Mein | रे मन मूरख कब तक जग में  लिरिक्स

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