Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics In Hindi | संकटमोचन हनुमानाष्टक पाठ
Full Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics Hindi संकटमोचन हनुमानाष्टक पाठ / कौन सो संकट मोर गरीब को लिरिक्स / हनुमान अष्टक लिरिक्स इन हिंदी with Hanuman Ashtak Benefits संकट मोचन हनुमान अष्टक के फायदे / हनुमान अष्टक के रचयिता कौन है? हनुमान अष्टक कब करना चाहिए? हनुमान अष्टक पढ़ने से क्या होता है? हनुमान के 12 नाम कौन कौन से हैं? बजरंग बाण का पाठ कितनी बार और किस दिन करना चाहिए? हनुमान अष्टक पढ़ने से क्या लाभ होता है?
Details Of Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics In Hindi
- हनुमान अष्टक के रचयिता कौन है?
संकटमोचन हनुमानाष्टक की संरचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी।
- हनुमान अष्टक कब करना चाहिए?
हनुमान अष्टक का पाठ मंगलवार के दिन करना चाहिए।
- हनुमान अष्टक पाठ पढ़ने से क्या होता है? / हनुमान अष्टक पढ़ने से क्या लाभ होता है?
हनुमान अष्टक के फायदे
हनुमान अष्टक पाठ पढ़ने से सभी भक्तों के सारे संकट मिट जाते हैं – रोग, दोष तथा प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है, उनकी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
- हनुमान के 12 नाम कौन कौन से हैं?
हनुमान के 12 नाम: ॐ हनुमान, ॐ अंजनी सुत, ॐ वायु पुत्र, ॐ महाबल, ॐ रामेष्ठ, ॐ फाल्गुण सखा, ॐ पिंगाक्ष, ॐ अमित विक्रम, ॐ उदधिक्रमण, ॐ सीता शोक विनाशन, ॐ लक्ष्मण प्राण दाता, ॐ दशग्रीव दर्पहा।
Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics In Hindi | संकटमोचन हनुमानाष्टक पाठ
॥ हनुमानाष्टक ॥
बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥
अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
हेरी थके तट सिन्धु सबे तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥
रावण त्रास दई सिय को सब,
राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मरो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥
बान लाग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तजे सूत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दिए तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥
रावन जुध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥
बंधू समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
जाये सहाए भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥
काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होए हमारो ॥ ८ ॥
॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे,
अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर ॥
Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics In Hindi | संकटमोचन हनुमानाष्टक पाठ