Lyrics of bhajans by Rajeshwaranand JI – Best 3 Song

Lyrics of bhajans by Rajeshwaranand JI

3 song Lyrics of bhajans by Rajeshwaranand JI: Dekh Liya Sansar Humne Dekh Liya lyrics in hindi | Hey Murali Dhar Chhaliya Mohan Krishna Bhajan lyrics in hindi | Kaya kutiya nirali jamane bhar se lyrics in hindi.

List of Lyrics of bhajans by Rajeshwaranand JI Maharaj

1. Dekh Liya Sansar Humne Dekh Liya lyrics in hindi
2. Hey Murali Dhar Chhaliya Mohan Krishna Bhajan lyrics in hindi
3. Kaya kutiya nirali jamane bhar se lyrics in hindi

1. Dekh Liya Sansar Humne Dekh Liya lyrics | Lyrics of bhajans by Rajeshwaranand JI

देख लिया संसार हमने देख लिया,

सब मतलब के यार हमने देख लिया ।

तन निरोग धन जेब में जब तक,

मन से सेवा करोगे जब तक

मानेगा परिवार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

जिस जिस का विश्वास किया है,

उसने हमें निरास किया है

बनकर रिश्तेदार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

कही चोट लगजाये न तन को,

सभी समझते है निर्धन को

गिरती हुई दीवार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

प्रतिभा का कुछ मोल नहीं है,

सफल सिध्द अनमोल वही है

जिसका प्रबल प्रचार हमने देख लिया,

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

संतो का संदेश यही है

मूल मंत्र हरि ओम यही है

हरि सुमिरन है सार हमने देख लिया

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया ।

देख लिया संसार हमने देख लिया,

सब मतलब के यार हमने देख लिया ।

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2. Hey Murali Dhar Chhaliya Mohan Krishna Bhajan lyrics in hindi | Lyrics of bhajans by Rajeshwaranand JI

हे मुरली धार छलिया मोहन

हम भी तुम को दिल दे बैठे

हे मुरली धार छलिया मोहन

हम भी तुम को दिल दे बैठे

गम पहल से ही काम तो ना थे

एक और मुसीबत ले बैठे

दिल कहता है तुम सुन्दर हो

आँखे कहती है दिखलाऊ

तुम मिलते नहीं हो आकर के हम

कैसे कहे देखो ये बैठे है

हे मुरली धार छलिया मोहन

हम भी तुम को दिल दे बैठे

महिमा सुनके हैरान है हम

तुम मिल जाऊ तो चैन मिल

मन खोज के भी तुम्हे पता नहीं

तुम होकि उसी मन में बैठे

रामेश्वर राजा राम तुम्ही

प्रभु योगेश्वर घनश्याम तुम्ही

धनु धरी बने कभी मुरली बजाये

जमुना तट निर्जन में बैठे

हे मुरली धार छलिया मोहन

हम भी तुम को दिल दे बैठे

3. Kaya kutiya nirali jamane bhar se lyrics in hindi | Lyrics of bhajans by Rajeshwaranand JI

काया कुटिया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से

जो डूबे श्रीराम जी की मस्ती में चार चांद लग जाते उनकी हस्ती में

सबसे सुन्दर आँख की खिड़की

जिसमें पुतली काली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से

सुनते श्रवण नासिका सूंघे

वाणी करे बोला चाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से

लेना देना ये कर करते हैं

पग चाल चले मतवाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से

मुख के भीतर रहती रसना

षट रस स्वादों वाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से

काम क्रोध मद लोभ मोह से

बुध्दि करे रखवाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से

करके संग इंद्रियो का मन

ये बन बैठा जंजाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से

इस कुटिया का नित्य किराया

स्वाश चुकाने वाली जमाने भर से

काया कुटीया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से

काया कुटिया निराली जमाने भर से

दस दरवाजे वाली जमाने भर से

Lyrics of bhajans by Rajeshwaranand JI

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